अब से दो बरस पहले आठ अगस्त 2008 को अचानक ही बरसात ने आकर आधे से ज्यादा गाँव को तहस-नहस कर दिया. उस वक्त का मंजर देखने लायक था. घरों की छतें ही गिर जाये तो आसमान ही सर ढकने के लिए छत होती है. यही दृश्य यहाँ देखने को मिला. उस समय के कुछ दृश्य www.parlika.com के फोटोग्राफर विक्रम गोदारा और निर्माता अजय परलीका ने इनको अपने कैमरे में कैद कर लिया. आप भी देखिये-




क्या खाकर जियेगा अब ऊंट फकीरे का।
-किसान