
!!! COMMING SOON !!!
A Ajay Kumar Soni "Parlika"
A Ajay Kumar Soni "Parlika"
Presents
परलीका रै लोगां रा भाव....! म्है तो दही रोटियों परलीका में ही खायो... म्हारो नानको जको है.. अठै साहित्य नै रचणिया अर पढणिया है ... नुई पीढ़ी रा टाबरिया सत साहित्य बांचै.... आ बात मन ने सुकून देवै है.. संस्कृति अर परम्परावां रो जको नाश देसोदेस हो रैयो है .. परलीका में भी असर है .. पण साहित्य सेवी (डॉ सोनी, किसान जी.....) आपरै दियां रो उजालो कर इण परदेसी संस्कृति रो अंधेरो अठै नीं छावण देसी . आ उम्मीद करी जा सके है ....... साथै उत्साही बालक अजय परलीका स्यूं भी आस है कै बो सूचना युग रो जाळ गावं मांय जरूर फैला सी... वेबसाइट खातर घणी-घणी शुभकामना................
5 टिप्पणियाँ:
nice
Tavlo so teyar kr....
Very nice...........
BL.......
सब्र रखिये...सब्र का फल मीठा होता है...
प्रिय अजय बाबू
स्नेहाशीष !
वेबसाइट के लिए अग्रिम बधाई और मंगलकामनाएं !
… साथ ही आने वाले नव वर्ष 2011 के लिए भी शुभकामनाएं !
शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
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